वीभत्स रस का स्थायी भाव क्या है?

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वीभत्स रस का स्थायी भाव "घृणा" (Disgust) है। यह भावना उत्कृष्ट होती है जब कोई कल्पित या वास्तविक घृणास्पद या अनापेक्षित दृश्य देखता है। इस भावना के माध्यम से कल्पित या वास्तविक अश्लील, अमृत्यु, अस्वस्थता, और विनाश के स्थानों की भी घृणा की जा सकती है।

वीभत्स रस का अधिकारिक उपयोग साहित्य और कला में होता है, जिससे कल्पना और विविधता को अभिव्यक्त किया जा सकता है। इसे किसी भी कला कृति में, जैसे कि कविता, नाटक, चित्रकला, या सिनेमा में दिखाया जा सकता है।

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