गाल पर पिम्पल होने के कारण और उपाय (Causes and remedies for pimples on the cheeks), लक्षण और घरेलू व चिकित्सीय निवारण; चेहरे की ताजगी व सौंदर्य में बाधा डालने वाले पिंपल्स खासकर गालों पर उभरना अनेक लोगों के लिए चिंता का विषय होता है। ये न केवल दिखने में अस्वस्थ लगते हैं, बल्कि कभी-कभी दर्दनाक भी हो सकते हैं। आइए जानें—क्या वजह है गालों पर पिंपल्स के, इन्हें घर पर कैसे संभाला जा सकता है, और कब डॉक्टर से सलाह जरूरी होती है।
1. पिंपल्स के मुख्य कारण
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तेलग्रंथियों का अधिवृद्धि (ओवरएक्टिव सेबम ग्रंथियाँ)
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चेहरे की त्वचा पर मौजूद सेबम (तेल) जरूरत से अधिक बनने पर रोमछिद्रों को बंद कर देता है, जिससे बैक्टीरिया पनपते हैं।
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मृत त्वचा कोशिकाओं का जमाव
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चेहरे की सफाई न होने पर पुरानी, मृत कोशिकाएँ रोमछिद्रों के मुंह पर थरथर जमा हो जाती हैं। इससे ब्लैकहेड्स या व्हाइटहेड्स बनकर संक्रमण का मार्ग खुलता है।
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हार्मोनल बदलाव
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वयस्कों में टीनएज के साथ-साथ मासिक धर्म चक्र, रोजमर्रा का तनाव या थाइरॉयड इत्यादि हार्मोन के उतार-चढ़ाव से भी गालों पर पिंपल्स हो सकते हैं।
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अनुकूल पोषण व जलयोजन की कमी
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पानी कम पीना, तला-भुना या चिकना भोजन, चीनी की अधिक मात्रा—त्वचा को डीहाइड्रेट कर पोषक तत्वों की कमी कर देती है।
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गंदगी व बाहरी परदूषण
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दिनभर धूल-मिट्टी व प्रदूषित हवा में निकलने से चेहरा असावधानी से छूना या बिना क्लीनर के साबुन से धोना रोमछिद्रों को बंद कर सकता है।
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अनुचित स्किनकेयर व मेकअप
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कॉमेडोजेनिक (pore-clogging) क्रीम या हेवी मेकअप रिमूवर का सही से न हटाया जाना, तौलिए की सफाई न रखना।
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2. गालों पर पिंपल्स के लक्षण
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लाल चकत्ते: सूजनयुक्त, स्पर्श करने पर गर्माहट व दर्द
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सफेद या काले डॉट्स: रोमछिद्रों पर बंद सेबम और मलबा
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सूजन व पीप: औसत से अधिक बैक्टीरिया के कारण मवाद भर जाना
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दाग-धब्बे: पिंपल्स ठीक होने के बाद भी निशान या रंग का बदल जाना
3. घरेलू निवारण
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नीम और हल्दी का पेस्ट
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नीम के पत्ते पीसकर हल्दी मिलाएं, प्रभावित जगह पर 10–15 मिनट लगाएं, फिर गुनगुने पानी से धो लें; एंटीबैक्टीरियल गुण।
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एलोवेरा जेल
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प्राकृतिक कूलिंग व सूजन-रोधी, दिन में दो बार ताजा एलोवेरा जेल हल्के हाथों से लगाएँ।
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शहद व दही की मास्क
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एक चम्मच शहद में उतना ही दही मिलाकर पेस्ट बनाएं; 20 मिनट बाद ठंडे पानी से साफ करें—मॉइस्चराइजिंग व पीलिंग का असर।
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माढ़ा (Steam) थेरपी
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उबलते पानी की भाप पर चेहरे को ५–७ मिनट रखें; रोमछिद्र खुलेंगे और गहराई से सफाई होगी।
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नीम युक्त फेसवॉश
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दिन में दो बार हल्के फोम वाले नीम-एलोवेरा फेसवॉश से चेहरा धोएं; अतिरिक्त तेल नियंत्रित रहेगा।
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पानी व पोषण
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दिन में कम से कम ३–४ लीटर पानी पिएं, हरी सब्जियाँ, फल, और ओमेगा-3 युक्त आहार लें।
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4. चिकित्सीय उपचार
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टॉपिकल हैंडलिंग
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बेंज़ोइल पेरोक्साइड या सालिसिलिक एसिड युक्त जेल/क्रीम
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हल्की टॉपिकल एंटीबायोटिक क्रीम (जैसे क्लिन्डामाइसिन)
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ओरल मेडिकेशन
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कम गंभीर मामलों में पंचिंग बाईओटिन, जिंक सप्लीमेंट
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मध्यम से गंभीर: मौखिक एंटीबायोटिक्स (डॉक्टर की सलाह पर)
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प्रोफेशनल ट्रीटमेंट
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केमिकल पील (सलिसिलिक या ग्लाइकोलिक एसिड)
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माइक्रोडर्माब्रेशन या लेज़र थेरेपी—नए सेल्स को प्रोत्साहित करना
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डर्मेटोलॉजिस्ट से परामर्श
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बार-बार पिंपल्स आना, सिस्टिक एक्ने, या निशान बनी रहे—डॉक्टर ट्रिटमेंट प्लान बनाएंगे।
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5. रोकथाम के टिप्स
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चेहरा न छुएं: हाथ में बैक्टीरिया से बचाव
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तकिए व तौलिए साफ़ रखें: 2–3 दिन में धुला तौलिया
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नियमित त्वचा की देखभाल: क्लींजर, टोनर, मॉइस्चराइज़र का संतुलित उपयोग
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मेकअप हटाना न भूलें: सोने से पहले मेकअप पूरी तरह निकालें
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तनाव प्रबंधन: योग, मेडिटेशन या पर्याप्त नींद—हार्मोन संतुलन के लिए
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गाल पर पिम्पल होने के कारण और उपाय (Causes and remedies for pimples on the cheeks) |
निष्कर्ष
गालों पर पिंपल्स बनने की जड़ में सीमित साफ-सफाई, हार्मोनल उतार-चढ़ाव और असंतुलित जीवनशैली होते हैं। घरेलू उपायों के साथ-साथ समय-समय पर विशेषज्ञ परामर्श और उचित त्वचा देखभाल से त्वचा की स्वच्छता बनी रहती है तथा नए पिंपल्स की संभावना घटती है। संयम और नियमितता ही सुंदरता की कुंजी है।