"स्थाई भाव" और "संचारी भाव" दोनों ही भावनाओं को सूचित करने के लिए प्रयुक्त होने वाले शब्द हैं, और ये नृत्य, संगीत, रंगमंच, चित्रकला, और साहित्य में आम हैं।
स्थाई भाव:
अर्थ: स्थाई भाव वह भाव है जो स्थिर रूप से एक समय तक बना रहता है। इसमें कोई परिवर्तन नहीं होता और यह एक आवश्यक अवस्था या भावना को सूचित करता है।
उदाहरण: शान्ति, श्रृंगार, हास्य, आदि स्थाई भावों का उपयोग नृत्य, संगीत, और रंगमंच की प्रदर्शनीयता में किया जा सकता है।
संचारी भाव:
अर्थ: संचारी भाव वह भाव है जो समय के साथ बदलता रहता है। यह भावनाओं के स्थानांतरण को सूचित करता है और दर्शक या पाठक को किसी गतिविधि के बदलते पहलुओं का अनुभव कराता है।
उदाहरण: उत्साह, भय, आशा, और उनके स्थानांतरण संचारी भावों का उदाहरण हैं जो संगीत, नृत्य, और नाटक में उपयोग हो सकते हैं।
इन भावनाओं का सही उपयोग कला और साहित्य के क्षेत्रों में अद्वितीय अनुभव और साहित्यिक रचनाओं में दर्शकों और पाठकों को विभिन्न अनुभवों में ले जाने में मदद करता है।