एकात्मक शासन व्यवस्था के कुछ दोषों की संभावना है, जो इस प्रकार हो सकते हैं:
- सत्ता का दुरुपयोग: एकात्मक शासन में, सत्ता केंद्रीकृत होती है और अगर यह सत्ता किसी व्यक्ति या समूह के हाथों में है, तो उसका दुरुपयोग हो सकता है। यह समस्या यहां है कि शासक अपने हितों को प्राथमिकता देता है और नागरिकों के हितों को अनदेखा कर सकता है।
- नागरिक स्वतंत्रता की कमी: एकात्मक शासन में, नागरिकों की स्वतंत्रता कम हो सकती है क्योंकि सभी निर्णय शासक के हाथों में होते हैं और उन्हें संज्ञान में लेने का समय नहीं होता।
- अधिकारिता और नियंत्रण: एक समृद्धि तथा संगठन व्यवस्था में अक्सर शासक अधिकारी हो सकते हैं जिन्हें बड़ा नियंत्रण मिलता है और यह उन्हें असंतुष्ट करने वाले परिस्थितियों में अपार्थिवता बना सकता है।
- विरोधीता और दबाव: एक समृद्धि तथा संगठन व्यवस्था में, विरोधीता और दबाव बढ़ सकता है क्योंकि एक ही शासक से नागरिकों को नियंत्रित करने का प्रयास होता है।
- ताकतवर व्यक्ति या समूहों के हित में असंतुष्टि: यदि शासक का हक एक व्यक्ति या समूह के हितों के प्रति अत्यधिक हो, तो अन्य व्यक्तियों या समूहों को असंतुष्टि हो सकती है।
- क्रियाशीलता में कमी: एक ही शासक के हाथों में सभी निर्णय होने के कारण, क्रियाशीलता में कमी हो सकती है क्योंकि विभिन्न विचार-विमर्श और विचारों का समृद्धिसाठी समर्थन नहीं होता।
- अधिक विरोधीता और संघर्ष: अगर समृद्धि तथा संगठन व्यवस्था में कोई विरोधीता है, तो इसमें अधिक संघर्ष हो सकता है और समाज में असमंजस उत्पन्न हो सकता है।