10 enhanced safe browsing pros and cons

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Enhanced Safe Browsing (ESB) के 10 लाभ और हानि (Pros and Cons) हिंदी और अंग्रेजी में:


Enhanced Safe Browsing (ESB) के लाभ (Pros):


  1. बेहतर सुरक्षा: Enhanced Safe Browsing उपयोगकर्ताओं को ऑनलाइन सुरक्षा में बेहतर सुरक्षा प्रदान करता है, जिससे खतरनाक वेबसाइटों और फिशिंग प्रयासों से बचाता है।
  2. मैलवेयर ब्लॉकिंग: ESB खतरनाक मैलवेयर और वायरस की वेबसाइटों तक पहुंचने से रोकता है जो उपयोगकर्ताओं के सिस्टम को संक्रमित कर सकते हैं।
  3. फिशिंग सुरक्षा: यह फिशिंग पेज्स और वेबसाइटों से उपयोगकर्ताओं की आवश्यक जानकारी की सुरक्षा करने में मदद करता है, जैसे कि पासवर्ड और व्यक्तिगत डेटा।
  4. वेबसाइट प्रतिबंधन: ESB उपयोगकर्ताओं को स्थानीय या वैश्विक स्तर पर खतरनाक वेबसाइटों की पहुंच से रोकता है, जिससे सुरक्षा स्तर बढ़ता है।
  5. अद्यतित ब्राउज़िंग: Enhanced Safe Browsing उपयोगकर्ताओं को अद्यतित रहने और नवीनतम सुरक्षा प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने में मदद करता है।


Enhanced Safe Browsing (ESB) के हानि (Cons):


  1. गोपनीयता संकट: ESB का उपयोग करते समय, उपयोगकर्ताओं की वेब गतिविधियों की जानकारी को Google और अन्य संग्रहण सेवाओं से साझा किया जा सकता है, जो गोपनीयता संकट पैदा कर सकता है।
  2. आधिकृतता की सीमा: ESB का उपयोग केवल संग्रहण सेवाओं के साथ होता है, जो इसकी सीमा को बढ़ा सकता है और अन्य ब्राउज़िंग ऐप्स में सुरक्षा को हानि पहुंचा सकता है।
  3. उपयोगकर्ता स्वतंत्रता की प्रतिबंधन: ESB अनुशासन को बढ़ा सकता है, क्योंकि उपयोगकर्ताओं के विकल्पों को सीमित किया जा सकता है और उन्हें सिर्फ सुरक्षित साइटों पर पहुंचने दिया जा सकता है।
  4. कंप्यूटर की लागत: ESB का उपयोग उपयोगकर्ताओं के कंप्यूटर पर अतिरिक्त बोझ पैदा कर सकता है, जो कई बार प्रोसेसिंग और बैंडविड्थ की आवश्यकता कर सकता है।
  5. व्यक्तिगतीकरण संदेश: कुछ बार, ESB वेबसाइटों द्वारा व्यक्तिगतिकृत संदेशों को फ़िल्टर करके उपयोगकर्ताओं को उनकी मानसिकता में परिवर्तन

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