क्लैम्पी वायरस (Clampi Virus) एक कंप्यूटर वायरस होता है जो विशेष रूप से वित्तीय जानकारी और लॉगिन क्रेडेंशियल्स की चोरी के लिए डिज़ाइन किया जाता है। इसका प्रमुख उद्देश्य वित्तीय लेन-देन की जानकारी को चुराना होता है ताकि विश्वासी वेबसाइटों और ऑनलाइन खातों में गुस्सा किया जा सके।
क्लैम्पी वायरस का प्रसार अक्सर फिशिंग ईमेल्स, अनचाहे सॉफ़्टवेयर के साथ बैंडल, वेबसाइट्स से जुड़ी अद्वितीय टिकड़ों के माध्यम से होता है। जब इस वायरस को एक सिस्टम में स्थापित किया जाता है, तो यह विक्षिप्तता पैदा करता है और यूज़र के संवेदनशील जानकारी को चुरा लेता है।
क्लैम्पी वायरस के कुछ मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
- कील प्रोग्रामिंग (Keylogging): यह वायरस कील प्रोग्रामिंग का उपयोग करके यूज़र के कीबोर्ड इनपुट को अवैध रूप से रिकॉर्ड करता है, जिससे पासवर्ड और अन्य संवेदनशील जानकारी की चोरी होती है।
- डेटा चोरी (Data Theft): क्लैम्पी वायरस वित्तीय जानकारी, बैंकिंग जानकारी, और अन्य व्यक्तिगत डेटा को चोरी करता है और इसे अपने सर्वर पर भेजता है।
- रिमोट नियंत्रण (Remote Control): इस वायरस के क्रिएटर्स द्वारा संचालित किया जा सकता है, जिससे उन्हें सिस्टम के ऊपर नियंत्रण मिलता है।
- जुड़े खतरों का सृजन (Creation of Associated Threats): क्लैम्पी वायरस अक्सर अन्य खतरनाक सॉफ़्टवेयर और वायरस को अपने साथ लाता है, जिससे सिस्टम को और ज्यादा गहरी समस्याएँ हो सकती हैं।
क्लैम्पी वायरस एक सीरियस साइबर सुरक्षा समस्या हो सकता है और इससे बचाव के लिए सुरक्षित ऑनलाइन ब्राउज़िंग और नवाचार की प्रतिक्रिया में सावधान रहना महत्वपूर्ण है।