"माइक्रो एकोनॉमिक्स" एक अंग्रेजी शब्द है जिसे हिंदी में "सूक्ष्म अर्थशास्त्र" कहा जाता है। सूक्ष्म अर्थशास्त्र एक शाखा है जो अर्थशास्त्र का हिस्सा है और इसका ध्यान व्यक्ति या उत्पाद की स्तर पर होता है। इसमें छोटे से पैम्बर और व्यक्ति के वित्तीय निर्णयों का अध्ययन होता है।
सूक्ष्म अर्थशास्त्र में निम्नलिखित मुख्य विषयों पर जांच होती है:
- उत्पादक समृद्धि: यह विचार करता है कि एक उत्पादक कैसे अपने संसाधनों का सही तरीके से उपयोग करके उत्पादन में समृद्धि कर सकता है।
- विपणीय निर्णय: व्यक्ति और उत्पादक के बीच विपणीय निर्णय कैसे लिए जाते हैं और इन निर्णयों का कैसा प्रभाव होता है।
- राजनीतिक अर्थशास्त्र: इसमें यह विचार किया जाता है कि सरकार कैसे अर्थशास्त्रीय नीतियों के माध्यम से विभिन्न विषयों में प्रभाव डालती है।
- आय और रोजगार: इसमें यह देखा जाता है कि व्यक्ति कैसे अधिक आय कमा सकता है और रोजगार कैसे बढ़ाया जा सकता है।
- मूल्य और उपभोक्ता: इसमें यह विचार किया जाता है कि विभिन्न आयामों पर मूल्य कैसे निर्धारित होता है और उपभोक्ताओं की चुनौतियों का सामना कैसे किया जा सकता है।
सूक्ष्म अर्थशास्त्र बड़े अर्थशास्त्र की तुलना में व्यक्ति और उत्पाद के स्तर पर अधिक विशेष होता है और यह व्यक्ति के निर्णयों और आर्थिक संबंधों को समझने में मदद करता है।