आदर्शात्मक अर्थशास्त्र क्या है?

Admin
By -
0

"आदर्शात्मक अर्थशास्त्र" का शब्दार्थ इसे आदर्श की दृष्टि से देखने का प्रयास करता है। यह एक संशोधित अर्थशास्त्रीय सिद्धांत है जो सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक मुद्दों को एक न्यायिक और समर्थनयोग्य प्रणाली के माध्यम से सुलझाने का प्रयास करता है।


इसका मुख्य उद्देश्य समृद्धि, समरसता, और समाज में न्याय की स्थापना करना है। आदर्शात्मक अर्थशास्त्र में सामाजिक न्याय, समाज सेवा, और समृद्धि के लिए विकसित किए जाने वाले नए आर्थिक मॉडल्स का अध्ययन किया जाता है।


कुछ महत्वपूर्ण विचारात्मक सिद्धांत जो आदर्शात्मक अर्थशास्त्र के साथ जुड़े हो सकते हैं:


  • समृद्धि का सामाजिक और सांस्कृतिक पहलुओं का मूल्यांकन: यह सिद्धांत समृद्धि को केवल आर्थिक परिणाम के रूप में नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक मानकों के प्रति भी मूल्यांकन करता है।
  • अधिकार, न्याय, और समानता: इस सिद्धांत का मूख्य धाराप्रवाह यही है कि धन, संसाधन और सुविधाएं समृद्धि का हिस्सा होने के बावजूद समाज में सभी को न्याय, अधिकार और समानता का हिस्सा मिलना चाहिए।
  • पर्यावरण सहयोग: आदर्शात्मक अर्थशास्त्र में ध्यान दिया जाता है कि आर्थिक विकास को पर्यावरण से मिलने वाले प्रभावों के साथ देखना चाहिए और सुरक्षित और सतत विकास को समर्थन करना चाहिए।
  • सामाजिक समरसता: यह सिद्धांत आर्थिक समरसता की दिशा में आर्थिक नीतियों और प्रणालियों को विकसित करने की कल्पना करता है जो समृद्धि को समर्थन करने के साथ-साथ सामाजिक समरसता को बढ़ावा देती है।


आदर्शात्मक अर्थशास्त्र का उद्देश्य एक सुसंगत, समृद्धि-प्रणाली बनाना है जो समाज को न्यायपूर्ण और समर्थनयोग्य रूप से समृद्धि में मदद कर सकती है।

Tags:

Post a Comment

0Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!